इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे In Hindi How to do Intaraday Trading in Hindi?

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इंट्राडे ट्रेडिंग एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति एक दिन में शेयर्स, स्टॉक्स, कमोडिटीज, या अन्य वित्तीय उपकरणों को खरीदता है और उन्हें उसी दिन में बेचता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है उपायुक्त गुना करना, अर्थात शेयर की मूल्य में छोटे समय के भीतर होने वाले परिवर्तन से लाभ कमाना। इस प्रकार की ट्रेडिंग में पोजीशन को समाप्त करने का निर्णय एक दिन में ही लिया जाता है, जिससे निर्भर होता है कि बाजार की स्थिति के आधार पर कितना लाभ या हानि हुई है।

इंट्राडे ट्रेडिंग का लक्ष्य वित्तीय बाजार में छोटे समय में होने वाले परिवर्तनों का उपयोग करके लाभ कमाना होता है। यह ट्रेडिंग विधि ज्यादातर तेजी से बदलते बाजार में लाभ प्राप्त करने के लिए की जाती है, लेकिन इसमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए व्यक्ति को बाजार की चालाकी, तेजी, और वित्तीय विचार करने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही, अच्छे रिसर्च, तकनीकी एनालिसिस, और फंडामेंटल एनालिसिस के साथ मिलकर सही निवेश का निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण होता है।

 

2. इंट्राडे क्या होता है

इंट्राडे एक वित्तीय व्यापारिक शब्द है जो शेयर बाजार और स्टॉक मार्केट से संबंधित है। इंट्राडे व्यापार या इंट्राडे ट्रेडिंग, एक व्यापारिक प्रक्रिया है जिसमें व्यापारी एक दिन में ही शेयर खरीदता और बेचता है, अर्थात उसे उसी दिन का शेयर खरीद-बिक्री देना होता है। इसमें व्यापारी उसी दिन के अंतर से लाभ कमाने की कोशिश करता है

3. इंट्राडे ट्रेडिंग के जोखिम

इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ मुख्य जोखिम होते हैं, जिन्हें व्यापारी को समझना और पहचानना महत्वपूर्ण है:

  • उच्च लेवरेज: इंट्राडे ट्रेडिंग में व्यापारी अक्सर उच्च लेवरेज का उपयोग करते हैं ताकि वे कम राशि में भी बड़ा व्यापार कर सकें। लेकिन इससे आते हैं अधिक जोखिम भी, क्योंकि अगर बाजार उनके पक्ष पर नहीं जाता है, तो उनका नुकसान भी अधिक हो सकता है।

  • बाजार की तेजी: इंट्राडे व्यापार में बाजार की तेजी और परिस्थितियों की जल्दी से बदलने की स्थिति होती है, जिससे व्यापारी को तेज निर्णय लेना पड़ता है। इससे अधिकतम लाभ की कमी हो सकती है और अधिकतम हानि हो सकती है।

  • तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण की चुनौती: इंट्राडे ट्रेडिंग में सही समय पर शेयर को खरीदने और बेचने के लिए तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण की कला की आवश्यकता होती है। इसमें गलतियों का खतरा हो सकता है जो नुकसान में बदल सकती हैं।

  • सुर्वेलेंस रिस्क: इंट्राडे व्यापार में आपको बाजार सुरक्षा एवं विनियमन नियमों का पूरा करना होता है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको कानूनी संज्ञान में आने का खतरा हो सकता है।

  • बाजार की अनियमितता: बाजार में अनियमितता हो सकती है और यह व्यापारी को नुकसान में डाल सकती है, खासकर अगर उनका निर्णय गलत समय पर होता है।

4. इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे

इंट्राडे ट्रेडिंग के कई फायदे हैं, जिन्हें हम विस्तार से समझ सकते हैं:

  • तत्परता का मौका: इंट्राडे ट्रेडिंग में व्यापारी को बाजार की तत्परता में रहने का मौका मिलता है क्योंकि उसे उच्च गति और तत्परता के साथ काम करना होता है। उसे बाजार के स्विंग्स और परिस्थितियों का तेजी से सामना करना पड़ता है।

  • उच्च लाभ की संभावना: इंट्राडे ट्रेडिंग में व्यापारी एक ही दिन में कई बार खरीददारी और बिक्री कर सकता है, जिससे उसे अधिक लाभ की संभावना होती है। छोटे समय में होने वाले मूवमेंट्स से वह लाभ कमा सकता है।

  • लेवरेज का उपयोग: इंट्राडे ट्रेडिंग में व्यापारी अक्सर उच्च लेवरेज का उपयोग करता है, जिससे वह कम राशि में भी बड़ा व्यापार कर सकता है। यह उसे अधिक लाभ की संभावना देता है, लेकिन इसके साथ ही अधिक जोखिम भी होता है।

  • तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण की समर्थता: इंट्राडे ट्रेडिंग में तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण का अधिक महत्व होता है, क्योंकि व्यापारी को उचित समय पर निर्णय लेना होता है। यह उसे बाजार में होने वाले छोटे-मध्यम स्तर के परिवर्तनों का सही तरीके से उपयोग करने में समर्थ बनाता है।

  • रोजगार का अवसर: इंट्राडे ट्रेडिंग एक स्वच्छ रोजगार का अवसर प्रदान करती है, क्योंकि व्यापारी इसे अपने घर से भी कर सकता है और इसके लिए बड़ी स्वतंत्रता होती है।

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इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे

5. इंट्राडे ट्रेडिंग पर टैक्स

  1. कर प्रणाली (Tax System): इंट्राडे ट्रेडिंग से कमाई पर आयकर का लागू होता है। व्यापारी को अपनी कमाई पर आयकर भरना होता है और इसमें व्यापार की लागतें और अन्य वित्तीय प्रावधानों को शामिल करना होता है।

  2. कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax): इंट्राडे ट्रेडिंग से हुए लाभ पर कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होता है। इसमें यदि आपने शेयर्स को खरीदकर उन्हें बेचा है और इसमें प्राप्त हुए लाभ पर आयकर देना होता है।

  3. डेमेट चार्ज का विवाद (Controversy of Demat Charge): कुछ व्यापारी अपनी ट्रेडिंग के लिए ऑनलाइन डेमेट खाता का इस्तेमाल करते हैं जिसमें डेमेट चार्ज शामिल हो सकता है। यह चार्ज कभी-कभी व्यापारी को अधिक लागतों का सामना करना पड़ता है।

  4. विवाद और निर्णय (Controversies and Decisions): कई बार व्यापारी और आयकर निरीक्षकों के बीच विवाद हो सकता है जिसमें यह स्पष्ट नहीं होता कि व्यापार को कैसे और कहां जवाब देना होगा।

6. इंट्राडे ट्रेडिंग नियम

  • शिक्षा और अनुभव: इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा और अनुभव महत्वपूर्ण हैं। व्यापारी को बाजार की नींवों, तकनीकों, और फंडामेंटल्स को समझना चाहिए।

  • नियमित अध्ययन: बाजार में होने वाली ताजगी और चर्चाएं नियमित रूप से अध्ययन करना आवश्यक है। तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण के साथ-साथ बाजार की समझ में मदद करने के लिए इसे अपनी व्यापार रणनीति में शामिल करना चाहिए।

  • निर्धारित लक्ष्य और नियम: व्यापारी को प्राप्त लाभ का निर्धारण करना और नुकसान से बचने के लिए नियमित निर्धारणियों को फॉलो करना चाहिए। यह उसे अनियात्रित ट्रेडिंग से बचाए रखने में मदद करेगा।

  • सही निवेश पूंजी: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एक सही निवेश पूंजी निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। व्यापारी को अपने निवेशों को बनाए रखने और नियंत्रित रखने के लिए एक बजट तय करना चाहिए।

  • बाजार रिसर्च: इंट्राडे व्यापार में सफलता के लिए बाजार रिसर्च को सुनिश्चित रूप से करना चाहिए। तकनीकी चार्ट्स, विशेषज्ञों की सलाह, और बाजार की स्थिति का निरीक्षण करना आवश्यक है।

  • स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट: हर व्यापार को स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट निर्धारित करना चाहिए। यह निवेशकों को नुकसान से बचने और लाभ बचाने में मदद कर सकता है।

  • धीरज रखें: इंट्राडे व्यापार में होने वाले तेज गति के कारण धीरज रखना महत्वपूर्ण है। अच्छे निर्णयों के लिए शांति बनाए रखना और हर व्यापार को समझे बिना आगे बढ़ना चाहिए
     
     

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