short selling kya hai

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  • शॉर्ट सेलिंग: एक निवेश तकनीक जो स्टॉक मार्केट में हो सकती है लाभ या हानि

    आजकल के वित्तीय बाजार में निवेश करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है, और निवेशकों को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके बाजार की गतिविधियों को समझने के लिए कई तरीके मिलते हैं। शॉर्ट सेलिंग एक ऐसी विशेष निवेश तकनीक है जिसमें निवेशक उम्मीद करते हैं कि स्टॉक की मूल्य में गिरावट होगी और उन्हें इस से लाभ होगा।

    शॉर्ट सेलिंग क्या है?

    शॉर्ट सेलिंग एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें निवेशक स्टॉक को बेचते हैं, जिसे उन्होंने पहले से नहीं खरीदा होता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है किसी स्टॉक की कीमत में गिरावट के समय लाभ कमाना। यदि आप इसे एक सामान्य भाषा में समझना चाहें, तो यह एक विपरीत प्रक्रिया है जिसमें निवेशक स्टॉक को उच्च कीमत पर बेचकर और बाद में उसे कम कीमत पर खरीदकर लाभ कमाते हैं।

    कैसे काम करती है शॉर्ट सेलिंग?

    शॉर्ट सेलिंग का काम साधारित तरीके से नहीं होता और इसमें कुछ विशेष कदम होते हैं:

    1. स्टॉक का चयन: पहला कदम होता है एक स्टॉक का चयन करना जिसमें निवेशक को गिरावट की उम्मीद हो। इसमें उन्हें बाजार के संकेतों का विश्वास करना होता है।

    2. बाजार में बेचाई: निवेशक फिर उस स्टॉक को बेचता है, लेकिन यह ध्यान रखता है कि उसने उसे पहले से नहीं खरीदा है। वह स्टॉक को उच्च कीमत पर बेचता है और इस प्रक्रिया को “शॉर्ट सेल” कहा जाता है।

    3. गिरावट का इंतजार: अब निवेशक को उम्मीद होती है कि जल्दी ही स्टॉक की कीमत में गिरावट होगी। जब यह होता है, तो निवेशक उस स्टॉक को कम कीमत पर खरीदकर अपनी शॉर्ट सेलिंग को समाप्त करता है।

    4. लाभ कमाना: इस प्रक्रिया से, निवेशक लाभ कमाता है क्योंकि उसने स्टॉक को उच्च कीमत पर बेचा और बाद में उसे कम कीमत पर खरीदा।

    शॉर्ट सेलिंग के उपयोग क्षेत्र:

    1. बाजार के गिरावट में लाभ: शॉर्ट सेलिंग का उपयोग अधिकतम तब किया जाता है जब निवेशक बाजार में गिरावट की उम्मीद करते हैं। इससे वे स्टॉक की कीमत में गिरावट के दौरान लाभ उठा सकते हैं।

    2. हेज फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट: हेज फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजर्स शॉर्ट सेलिंग का सही समय चयन करके अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

    3. मार्जिन ट्रेडिंग: शॉर्ट सेलिंग को मार्जिन ट्रेडिंग के रूप में भी देखा जा सकता है जिसमें निवेशक अपने ब्रोकर के साथ कुछ पैसे जमा करके शॉर्ट सेलिंग कर सकता है।

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